Posts

Showing posts from March, 2018

Maharashtra Forts Historical Journey

Image
              Maharashtra Forts History (1)  Sinhagad Fort सिंहगढ़ किला पुणे शहर के निकट स्थित सिंहगढ़ किला का नाम मराठी शब्द शेर से मिलता है। माना जाता है कि महाराष्ट्र में अधिक लोकप्रिय किलों में से एक यह किला मुगल को हरा कर  तानाजी मालुसरे के भाई ने जीत लिया है। किले में आप कुछ पुराने अस्तबल देखेंगे जिन्हें माना जाता था कि उनके घोड़ों को रखने के लिए मराठा सेना द्वारा इस्तेमाल किया गया था। तानाजी मालुसरे, एक बहादुर मराठा योद्धा के सम्मान में एक स्मारक भी बनाया गया है। किले के खंडहर के अंदर भी राजाराम छत्रपति की कब्र और देवी काली को समर्पित एक छोटा मंदिर है।  Location :-  Thoptewadi Pune  (2) Rajgad Fort राजगढ़ किला राजगढ़ का किला सह्याद्री रेंज में मुरुमबादेवी डोंगर पहाड़ियों पर बनाया गया था। यह शिवाजी महाराज की पहली राजधानी थी, और उस स्थान पर भी माना जाता है जहां शिवाजी की पत्नी, साईबाई, ने पिछले कुछ दिनों में बिताया था। किले के अंदर महलों, गुफाओं और कुछ पानी के टाउन के खंडहर । किले  के...

Brave Maratha BajiRao

Image
पेशवा बाजीराव  बाजीराव प्रथम  (१७०० - १७४०) महान सेनानायक थे। वे १७२० से १७४० तक  मराठा साम्राज्य  के चौथे छत्रपति शाहूजी महाराज  के पेशवा (प्रधानमन्त्री) रहे। इनको 'बाजीराव बल्लाल' तथा 'थोरले बाजीराव' के नाम से भी जाना जाता है। इन्हें प्रेम से लोग अपराजित हिन्दू सेनानी सम्राट भी कहते थे। इन्होंने अपने कुशल नेतृत्व एवं रणकौशल के बल पर  मराठा साम्राज्य  का विस्तार (विशेषतः उत्तर भारत में) किया। इसके कारण ही उनकी मृत्यु के २० वर्ष बाद उनके पुत्र के शासनकाल में मराठा साम्राज्य अपने चरमोत्कर्ष पर पहुँच सका। बाजीराव प्रथम को सभी ९ महान पेशवाओं में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। इनके पिता  बालाजी विश्वनाथ  पेशवा भी  शाहूजी महाराज  के पेशवा  थे। बचपन से बाजीराव को घुड़सवारी करना, तीरंदाजी, तलवार भाला, बनेठी, लाठी आदि चलाने का शौक था। १३-१४ वर्ष की खेलने की आयु में बाजीराव अपने पिताजी के साथ घूमते थे। [1]  उनके साथ घूमते हुए वह दरबारी चालों व रीतिरिवाजों को आत्मसात करते रहते थे।यह क्रम १९-२० वर्ष की आयु तक चलता रहा। जब बाजीराव क...