रायगढ़ किले का इतिहास

Raigad Fort – रायगढ़ किला, महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में एक पहाड़ी किला है।मराठा साम्राज्यके राजा छत्रपति शिवाजी महाराजने इस किले का निर्माण किया और 1674 में उन्होंने इस किले को मराठा साम्राज्य की राजधानी बनायी।

सह्याद्री पर्वत श्रृंखला में स्थित रायगढ़ किला समुद्र तल से 820 मीटर पर ऊपर है। इस किले में एक तरफ मार्ग से, कड़ी चढ़ाई पर पैदल यात्रा के माध्यमसे पहुंचा जा सकता है, जबकि दूसरी तरफ से यह किला गहरे घाटियों से घिरा हुआ हैं।

राज्याभिषेक
शिवाजी का राज्याभिषेक रायगड में, 6 जून 1674 ई. को हुआ था। काशी के प्रसिद्ध विद्वान गंगाभट्ट इस समारोह के आचार्य थे। उपरान्त 1689-90 ई. में औरंगज़ेब ने इस पर अधिकार कर लिया।

यह शानदार किला 1030 में चंद्रराव मोरे द्वारा बनाया गया था। उस समय यह किला “रयरी का किला” के नाम से जाना जाता था लेकिन 1656 में छत्रपति शिवाजी महाराज ने प्राचीन मौर्य वंश के राजवंश चंद्रराव मोरे के इस किले पर कब्जा कर लिया। रायगढ़ किले को शिवाजी महाराज ने पुनर्निर्मित किया और रीयरी के किले का विस्तार किया और फिर इसकानामकरण “रायगढ़” के रूप में किया, जिसका अर्थ है कि “राजा का किला” यह मराठा साम्राज्य की राजधानी के रूप में भी माना जाता था।

1698 में, जुल्फिकार खान और औरंगजेब ने रायगढ़ पर कब्जा कर लिया और इसे “इस्लामगड” नाम दिया। 1765 में, किले ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा सशस्त्र अभियान का लक्ष्य बन गया। अंततः, 9 मई 1818 में कब्जे के बाद किले को ब्रिटिश द्वारा लूट लिया गया और नष्ट कर दिया गया।

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